बी.ए. भाग II बहुविकल्पी प्रश्न
मेजर पेपर III - आधुनिक गद्य साहित्य
1) माधराव सप्रे का जन्म सन 1871 में हुआ|
2) माधवराव सप्रे की मृत्यु सन 1926 में हुई|
3) माधवराव सप्रे ने बिलासपुर से छतीसगढ़ मित्र पत्रिका निकाली थी|
4) माधवराव सप्रे का जन्म दमोह जिले मे हुआ है|
5) माधराव सप्रे हिंदी साहित्य संमेलन के देहरादून अधिवेशन में सन 1924 सभापति रहे थे|
6) विधवा की पतोहू पांच बरस की कन्या छोडकर चल बसी थी|
7) झोपडी के छुटने पर पोती ने खाना-पिना छोड दिया था|
8) एक टोकरीभर मिट्टी से विधवा चूल्हा बनाना चाहती थी|
9) जमीनदार धन-मद से गर्वित हो अपना कर्तव्य भूल गए थे|
10) जमीनदार विधवा को झोपडी वापस दे देते है|
11) प्रेमचंद का जन्म सन 1880 में हुआ|
12) प्रेमचंद की मृत्यु सन 1936 में हुई|
13) दूध दाम कहानी विधा की रचना है|
14) बाबू महेशनाथ की तीन बेटियां थी|
15) भूंगी ने महेशनाथ बाबू के बेटे को एक वर्ष तक दूध पिलाया
16) भूंगी के पति का नाम गुदड था|
17) सुरेश का रोना रेल इंजिन आवाज जैसा था|
18) बाबू महेशनाथ अपने गांव के जमीनदार थे|
19) गुदड प्लेग की बिमारी से मर जाता है|
20) भूंगी का अपना बेटा छह महिने का था|
21) भूंगी को दान दक्षिना में दो साडियां मिली थी|
22) भूंगी सांप कांटने से मर गयी थी|
23) शैलेश मटियानी का जन्म सन 1931 में हुआ था|
24) शैलेश मटियानी की मृत्यु सन 2001 में हुई|
25) शैलेश मटियानी का मूल नाम रमेशचंद्र सिंह था|
26) पोस्टमैन का काम पत्र पहुंचाना है|
27) मनीऑर्डर द्वारा पैसे भेजा जाता है|
28) रतनसिंह नेगी के पिता का नाम जसवंत सिंह नेगी है|
29) कमस्यारी गांव का पोस्ट ऑफिस बेनीनाग में था|
30) पत्र मिल्ट्री क्वार्टर देहरादून से आया था|
31) दयाराम पोस्टमैन है|
32) मनी ऑर्डर आने पर पोस्टमैन का सम्मान तिलक-दक्षिणा देकर किया जाता था |
33) 'अपना रास्ता लो बाबा' कहानी के कहानीकार का नाम काशिनाथसिंह है|
34) 'अपना रास्ता लो बाबा' कहानी के देवनाथ के पत्नी का नाम आशा है|
35) 'अपना रास्ता लो बाबा' कहानी के बेंचू बाबा देहात से आये थे|
36) बेंचू बाबा के सर पर गगरा था|
37) देवनाथ के दो बच्चे थे|
38) बेंचू बाबा के बेटे का नाम सुदामा था|
39) देवनाथ की पत्नी आशा ने तश्तरी में मिठाई के दो टुकडे रखे थे|
40) देवनाथ के घर में अगरवाल ने मिठाई दी थी|
41) देवनाथ बेंचू बाबा को डॉ. गर्ग के पास लेकर गया था|
42) स्कूटर पर बेंचू बाबा को मजा आ रहा था|
43) डॉ. गर्ग को बेंचू बाबा को कैन्सर होने का संदेह है|
44) 'अपना रास्ता लो बाबा' कहानी के आशा के पति का नाम देवनाथ है|
45) काशिनाथ सिंह का जन्म जीयनपुर में हुआ था|
46) काशिनाथ सिंह के पिता का नाम नागरसिंह था|
47) काशिनाथ के माता का नाम बागेश्वरी था|
49 ) 'जांच अभी जारी है' कहानी की लेखिका ममता कालिया है|
24) 'जांच अभी जारी है' कहानी की नायिका अपर्णा जोशी है|
25) एक सम्मानित राष्ट्रीय कृत बैंक में नियुक्ति पाकर अपर्णा फूली नहीं समाई|
26) अपर्णा की छः महिने पूर्व विश्वकर्मा डिग्री कॉलेज में नियुक्ति हुई थी|
27) विद्यार्थी जीवन से अपर्णा को बैंक की नौकरी आकृष्ठ करती थी|
28) बैंक के शाखा प्रबंधक मि. खन्ना थे|
29) भूल- चूक वाला मुहावरा बैंक के किसी काम का नहीं|
30) अपर्णा को सर्तक रहने की सलाह मिसेज श्रीवास्तव ने दी थी|
31) मिस्टर सिन्हा का बेटा असली मम्मी के साथ बनारस गया था|
32) अपर्णा एल.टी. सी. प्राप्त कर कुल्लू- मनाली जाने का सपना देखती है|
33) अपर्णा की मां जगन्नाथपुरी जाना चाहती थी|
34) अपर्णा के राष्ट्रीय कृत बैंक का क्षेत्रीय कार्यालय कानपुर में है|
35) एल.टी. सी. के अंतर्गत अपर्णा ने बैंक से अठारह सौ रुपये लिए थे|
36) अपर्णा वित्तमंत्री को पत्र लिखना चाहती थी|
38) ममता कालिया का जन्म मथुरा में हुआ|
39) दास्ताने कबूतर कहानी की लेखिका कुसुम अन्सल है|
40) दूसरे कबूतर ने पहले कबुतर को सहलाना चाहा|
41) दास्ताने कबूतरकहानी में भूखमरी की समस्या का चित्रण हुआ है|
42) पहला कबूतर विकास मार्ग के फूटपाथ पर गया था|
43) दास्ताने कबूतर कहानी में ममता कालिया जी ने तीन घटनाओं का चित्रण किया है|
44) विकास मार्ग की फूटपाथ पर एक जवान औरत की मृत्यु हुई थी|
45) दास्ताने कबूतर कहानी का परिवेश महानगर है|
46) अपहृत लडके को चाचा ने खंडहर में छिपाकर रखा था|
47) अपहृत लडका स्कूल से आ रहा था|
48) अपहृत लडके के नाक पर ताऊ ने रुमाल रख दिया था|
49) एक जवान औरत की बच्ची को लडकी ने उठाया |
50) अपनी चोंच को धोने के लिए नीलेधारीवाला नल की ओर भागा|
51) दास्ताने कबूतर कहानी में चर्चित मंदिर में जन्माष्टमी का उत्सव था|
52) बहानेबाजी भदंत आनंद कौसल्यायन की रचना है|
53) भदंत आनंद कौसल्यायन का जन्म सोहना गांव में हुआ था|
54) भदंत आनंद कौसल्यायन बौद्ध धर्म के अनुयायी थे|
55) भदंत आनंद कौसल्यायन दस साल तक राष्ट्रभाषा प्रचार समिती, वर्धा के प्रधानाचार्य थे|
56) भदंत आनंद कौसल्यायन ने बी. ए. उपाधी प्राप्त की थी|
57) भदंत आनंद कौसल्यायन ने सारा जन्म बौद्ध धर्म के लिए समर्पित कर दिया था|
58) भदंत आनंद कौसल्यायन का बचपन का नाम हरनामदास था|
59) बोधिसत्व के पास जनपद वासी ने तीन वेद और अठारह विद्या सिखी|
60) आचार्य ने जनपद वासी को उसकी पत्नी के लिए गोमुत्र में त्रिफला और पांच प्रकार के पत्ते डालकर काडा बनाने के लिए कहा|
61) जैसे उनके दिन फिरे यह रचना हरिशंकर परसाई की है|
62) जैसे उनके उनके दिन फिरे व्यंग्य विधा है|
63) राजा के चार लडके थे|
64) राजा दशरथ ने कान के पास के केश श्वेत होते ही राज गद्दी छोड दी|
65) फाल्गुन की पूर्णिमा को राजसभा में चारों लडके हाजिर हुए|
66) चारों राजकुमार अपने पुरुषार्थ तथा किस्मत अजमाने चल पडे|
67) पडोसी राज्य में बडा राजकुमार व्यापारी के यहां बोरे ढोने का काम करने लगा|
68) छोटे राजकुमार ने मानव सेवा संघ खोल दिया|
69) छोटे राजकुमार ने चंदे से बीस लाख स्वर्ण मुद्राएं कमाई|
70) छोटे राजकुमार को राजगद्दी मिली|
71) जिसके हम मामा है व्यंग्य विधा है|
72) जिसमे हम मामा है यह विधा शरद जोशी ने लिखी है|
73) जिसके हम मामा है इस विधा में राजनीतिज्ञ पर सटीक व्यंग्य किया है|
74) शरद जोशी का जन्म उज्जैन में हुआ है|
75) शरद जोशी हिंदी साहित्य क्षेत्र के व्यंग्यकार है|
76) बच्चे ने मामाजी कहकर चरण छुए|
77) मुन्ना मामाजी को वाराणसी घुमाने ले गया|
78) सज्जन को आम जनता का प्रतीक बताया गया है|
79) मामाजी ने गंगा घाट पर डुबकी लगाई|
80) लल्लू कब लौटेगौ बनारसीदास चतुर्वेदी लिखित रेखाचित्र है|
81) लल्लू कब लौटेगौ सोनपाल लोधा का जीवन चरित्र है|
82) लल्लू कब लौटेगौ सोनपाल लोधा तरकारी बेचने का काम करता है|
83) सोनपाल लोधा छोटा बेटा जुआ खेलता है|
84) बडे बेटे डालचंद की चिट्टी चिनीताड से आई थी|
85) डालचंद लोधा चिनीताड कुली के हैसियत से गया था|
86) डालचंद लोध चिनीताड से लौटने के लिए एक सौ पांच रुपये किराया लगता था|
88) चौबे जी से सोनपाल लोधा हमेशा पूछा करते थे हमारा लल्लू कब लौटेगा?
89) सोनपाल लोधा ने अपने बेटे से उसकी मां के मृत्यु की बात छिपाई थी|
90) सोनपाल के गांव गणेशपुर से चिनीताड पंद्रह हजार मिल दूर था|
91) बाजार दर्शन के रचयिता जैनेंद्र कुमार है।
92) बाजार दर्शन बाजार के उपयोग का विवेचन का प्रतिपाद्य है।
93) लेखक का मित्र पत्नी के साथ साथ बाजार गया था।
94) लेखक का मित्र फालतू सामान खरीदने के लिए पत्नी को दोष देता है।
95) लेखक के अनुसार पैसा पावर है|
96) भगत जी लोभी व्यक्ति है|
97) जब ग्राहक मन खाली होता है तब बाजर के जादू का प्रभाव पडता है|
98) जब मन खाली न हो तो हमें बाजार जाना चाहिए|
99) बाजार क्रय शक्ति को देखता है|
100) 'बाजारुपन' से अभिप्राय है बाजार से अनावश्यक वस्तुएं खरीदना|
101) लैम्प के नारंगी शेड में दिखा चेहरा लेखिका को भीष्म साहनी का बेटा लगा।
102) कृष्णा सोबती भीष्म सहानी की मुलाखत लेने हेतु रेश्तरा में पहुँचती है।
103) भीष्म के आगे कॉफी का प्याला और हाथ में सिगरेट था।
104) लेखिका के अनुसार 'भीष्म सहानी' कोई परदा नहीं, वह.सादमिजाज इन्सान था।
105) भीष्म मध्यम वर्ग की खरोंचें, जख्म, उसके दर्द और उसके ऊपरी खोल को छू-छूकर, अपने को उस भीड़ से अलग खड़ा कर लेते हैं।
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