जैव - फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी का कथ्य

 





जैव फणीश्वरनाथ रेणु जी की बिल्कुल छोटी कहानी है| जिसमें जैवअर्थात जीव की बात कही है| और यह बताने का प्रयास किया है कि सृष्टि के प्रत्येक जीव में फूलने-फलने की ताकद होती है| बस उसीप्रकार का वातावरण आस-पास हो|

     जैसे- नारियल या पपीता अथवा सुपारी का कोई पेड अगर नहीं फलता तो उसके पास एक दूसरा पेड लगाया जाता है|  यह बात हर जीव के लिये लागू होती है| चाहे फिर मनुष्य क्यों न हो?

विभा और निर्मल के शादी को आज पांच साल हो गये है| बहुत प्रयास किया परंतु उन्हें कोई संतान नहीं हुई| उन्होंने विधि के विधान को स्वीकार कर लिया है और हंसी-ख़ुशी अपनी जिंदगी बिता रहें है|

     निर्मल ने अपनी एक लौती बहन शारदा की शादी उम्र के पंद्रहवें साल में ही के दी है| कारण उसकी मां ने सुपात्र के साथ शादी करने के लिये कहा था और अच्छा रिश्ता आया इसलिये उसकी शादी की |कारण उसके पति बोटेनिक प्रोफेसर है| 

जिनका नाम सुकुमार है|     परंतु निर्मल को लगता किस कुपात्र के साथ बहन की शादी कर दी है| कारण आज शारदा की चिट्टी आयी है| वह मां बनने वाली है| तीन महिने हो गये है| यह खबर सुनकर विभा तथा पडोसी मौसी भी खुश होती है|

     परंतु निर्मल खुश नहीं| उसे अपने बहन की चिंता लगने लगती है, कारण उसकी उम्र अभी छोटी है| वह विभा को कहता है वह कल ही भागलपुर जायेगा और बहन को पटना लेके आयेगा|

विभा उसे समझाती है कोई चिंता करने की आवश्यकता नहीं| स्त्री रोग तज्ञ डॉ. मिस जोसेफ और डॉ. शर्मा है| आपकी बहन को गोलमटोल सुंदर मुन्ना होगा | फिर भी निर्मल बहन को  चौथे महिने में ही लेकर आता है|

     आगे शारदा की सिजेरियन करनी पडी, परंतु छै पौंड का एकदम स्वस्थ बच्चा पैदा होता है|

     आगे जो भाभी निसंतान थी उसके घर में भी ख़ुशी की खबर आती है| शारदा के घर आने के बाद यह ख़ुशी की खबर मिलती|

इसप्रकार यह बताने का प्रयास किया है कि सृष्टि के प्रत्येक जीव में फूलने-फलने की ताकद होती है| बस उसीप्रकार का वातावरण आस-पास हो|

 

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