💧महत्वपूर्ण प्रश्न 💧
1) भाषा विज्ञान का प्रारंभिक नाम तुलनात्मक व्याकरण था|
२) विज्ञान शब्द का अर्थ विशिष्ट ज्ञान है|
३) भाषा विज्ञान के अध्ययन से विश्व भाषाओं के प्रति प्रेम एवं सम्मान की भावना निर्माण होती है|
4) भाषा विज्ञान के अध्ययन से जिज्ञासा की तृप्ति होती है|
५) प्राचीन इतिहास की ज्ञान प्राप्ति भाषा विज्ञान के अध्ययन से होती है |
६) हिंदी में पूर्ण विराम के लिये खडी पाई का प्रयोग किया जाता है|
७) भाषा विज्ञान के नियम अधिकतर व्याकरण पर आधारित होते है |
८) भाषा की लघुत्तम इकाई वाक्य है |
९) भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि है|
१०) अर्थ विज्ञान को अंग्रेजी में Semantics कहा जाता है|
११) अर्थ को भाषा की आत्मा कहा जाता है|
१२) रूप विज्ञान का दूसरा नाम पद विज्ञान है|
13) स्वन से संबधित उच्चारण अवयवों का अध्ययन ध्वनि विज्ञान में होता है|
14) ध्वनि उच्चारण से संबंधित अवयवों को वाग्यंत्र कहते है|
१५) भाषा विज्ञान भाषा संबंधी समस्याओं का अध्ययन करता है|
16) साहित्य के अभाव में कई प्राचीन भाषायें लुप्त हो गई है|
17) अर्थपूर्ण शब्दों का समूह वाक्य कहलाता है|
१८) ध्वनि विज्ञान को स्वन विज्ञान भी कहा जाता है|
१९) मनो विज्ञान में मनुष्य के मन का अध्ययन किया जाता है |
२०) देवेंद्रनाथ शर्मा के अनुसार कारक का अर्थ करनेवाला है|
२१) प्राचीन भाषाओं का ज्ञान साहित्य से प्राप्त होता है|
२२) भूगोल भाषा विज्ञान को मनोरंजक सामग्री प्रदान करता है|
23) प्राचीन इतिहास का ज्ञान प्राप्त करने के लिए शिलालेखों का अध्ययन किया जाता है|
२४) संधि, विग्रह आदि में भाषा विज्ञान व्याकरण की मदद लेता है |
२५) भारत सरकार द्वारा सन १९६७ में ‘हिंदी वर्तनी का मानकीकरण’ यह पुस्तक प्रकाशित हो गयी है|
२६) ‘व्याकरण’ शब्द का अर्थ (टुकडे) विश्लेषण करना है |
27) हिंदी में आठ कारक चिन्ह हैं|
28) कर्ता कारक का प्रत्यय ने है|
29) जिस वस्तु पर क्रिया के व्यापार का फल पडता है, उसे दर्शनेवाले शब्द को कर्म कारक कहते है|
30) (संज्ञा या सर्वनाम के क्रिया के जिस रूप से) जिसमें क्रिया के साधन का बोध होता है, उसे करण कारक कहते है|
3 31) करण कारक का प्रत्यय से है |
3 32) 'के लिये' प्रत्यय सम्प्रदान कारक का है|
3 33) अपादन कारक अंतर दर्शाता है|
3 34) क्रिया के निश्चित स्थान का बोध करनेवाला कारक अधिकरण है|
35) भारत की उत्तर दिशा में हिमालय है, अधोरेखित कारक अधिकरण है|
36) संबोधन कारक के आगे प्राय: विस्मयादीबोधक चिन्ह लगाते है|
37) वाक्य में पदों के निश्चित क्रम को पदक्रम कहते है|
38) 'विराम' का अर्थ ठहरना या रुकना होता है|
39) छंदों में यति के बाद अल्पविराम चिन्ह आता है|
40) अवतरण चिन्ह कें दो भेद हैं|
41) वर्तनी संस्कृत भाषा का शब्द है|
42) हिंदी में श्रुतिमूलक वर्ण य, व है|
43) प्रश्न वाचक वाक्य के अंत में प्राय: प्रश्न चिन्ह लगाते है|
44) निर्देशक का चिन्ह (-) है |
45) अल्प विराम का चिन्ह (,) है |
46) किसी भाषा में शद्ब के वर्ण, क्रम, एवं उच्चारण विधि की क्रिया को वर्तनी कहा जाता है |
47) सर्वनामों के साथ विभक्ति चिन्ह जोडकर लिखते है|
48) द्वंद्व समास के बीच हाइफन रखा जाए|
49) हिंदी में पूर्ण विराम के लिए खडी पाई का प्रयोग किया जाता है|
50) ध्वनि विज्ञान को हिंदी में Phonetics कहा जाता है |
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💥अतिरिक्त प्रश्न 💥
भाषा विज्ञान और हिंदी भाषा
पेपर नं. 16
बहुविकल्पी प्रश्न
युनिट २ - ध्वनि विज्ञान
1. भाषा विज्ञान के
प्रधान चार अंग हैं|
2. डॉ. भोलानाथ तिवारी ने भाषाविज्ञान के प्रधान अंगों में दो अंग और जोड दिये है|
3. ध्वनि को स्वन भी कहते
है|
4. भाषा की सबसे लघुत्तम इकाई ध्वनि
है|
5. भाषा विज्ञान के ध्वनि
इस अंग का पुनश्च विभाजन नहीं होता |
6. ध्वनि का अध्ययन
करनेवाले भाषा विज्ञान के अंग को ध्वनि विज्ञान कहा
जाता है|
7. ध्वनिओं का उच्चारण जिन अंगों से होता हैं, उन्हें वाग्यंत्र कहते है|
8. ध्वनि परिवर्तन के कारणों का अध्ययन ध्वनि विज्ञान में किया जाता है|
9. किसी विशिष्ठ भाषा की कुछ विशिष्ट काल और विशिष्ट दशाओं
में हुए नियमित परिवर्तन को उस भाषा का ध्वनि नियम कह
सकते है|
10. औचरणिक ध्वनि विज्ञान में उच्चारण
से संबंधित बातों का अध्ययन किया जाता हैं|
11. सांवहनिक ध्वनि विज्ञान में ध्वनि
लहरों का अध्ययन किया जाता है|
12. श्रावानिक ध्वनि विज्ञान में ध्वनि के श्रवण प्रक्रिया का अध्ययन किया जाता है|
युनिट २ - पद विज्ञान
13. पद विज्ञान में पदों का
अध्ययन किया जाता हैं|
14. जब वाक्य में शब्द जब चलने लगते है, तब उसे पद कहते है|
15. वाक्य भाषा की महत्तम और सार्थक तथा सहज इकाई हैं|
16. शब्दों को ही अर्थतत्व कहते
हैं|
17. पद विज्ञान को रूप विज्ञान कहा जाता है|
18. कोशों में जो शब्द होते है उसे अर्थ
तत्व कहा जाता है|
19. अर्थ तत्व में संबंध तत्व लगने के बाद पद
बनता है| (अर्थतत्व +संबंध तत्व = पद)
20. संबंध तत्व को ही विभक्ती
प्रत्यय/प्रत्यय कहते है|
21. रुपों(पदों) के
समूह को ही वाक्य कहते है|
22. शब्द के प्रारंभ में जुडनेवाले प्रत्यय उपसर्ग कहलाते है|
23. शब्द अंत में जुडनेवाले को प्रत्यय को कहते है|
24. स्वन दो प्रकार के होते
हैं|
25. स्वनगुण तीन प्रकार के
होते हैं|
26. रूप के सार्थक खंड को रुपिम
कहते है|
27. रुपिम नामक सार्थक इकाई की खोज ८ वीं शताब्दी में पाणिनी ने की है|
युनिट २ शब्द विज्ञान
28. शब्द वाक्य की अर्थवान लघुत्तम इकाई है|
29. शब्दों का अध्ययन भाषा विज्ञान की जिस शाखा में किया जाता है उसे, शब्द विज्ञान में किया जाता है|
30. संस्कृत वैयाकरणकार यास्क मुनि ने
शब्द के चार भेद माने है|
31. संज्ञा के बदले जिस शब्द का प्रयोग किया जाता है,उसे सर्वनाम कहते है|
32. संज्ञा के बारे में जानकारी देनेवाले शब्द को विशेषण कहते है|
33. जिसके बारे में जानकारी दी जाती है, उसे विशेष्य
कहते है|
34. जो जानकारी दी जाती है, उसे विशेषण
कहते है|
35. ‘नीला आकाश’ इस शब्द
में आकाश विशेष्य हैं|
36. अर्थ के अनुसार विशेषण के पांच
भेद हैं|
37. व्यक्ति वाचक संज्ञा से जो विशेषण बनते है, उसे व्यक्ति वाचक विशेषण कहते है|
38. क्रिया का मूल रूप धातु
कहलाता है|
39. क्रिया के दो भेद होते
है|
40. जिन पदों पर लिंग, वचन, काल का परिणाम नहीं होता, उन्हें अव्यय
कहते है| इन्हें अविकारी शब्द कहा जाता है|
41. अव्यय के चार भेद हैं|
42. जिन पदों पर लिंग, वचन, काल का परिणाम होता, उन्हें विकारी शब्द कहा जाता है|
43. अव्यय को ही निपात कहा
जाता है|
44. अव्यय ही अविकारी शब्द होते है |
45. दो वाक्यों और शब्दों का समुचय करनेवाले अव्यय को समुच्चय बोधक अव्यय कहा जाता है|
46. जिन अव्यवों से हर्ष, शोक, घृणा आदि का बोध होता है,
उन्हें विस्मयादिबोधक अव्यय कहते है|
47. शब्द परिवर्तन का अध्ययन शब्द
विज्ञान में होता है|
48. अनेक शब्दों के समूह को शब्दकोश
कहा जाता है|
49. शब्द कोशों की दृष्टि से हिंदी का ‘बृहद हिंदी शब्दकोश’ है|
50. कोशों में पाए जानेवाले शब्द दो
प्रकार के होते है|
51. संस्कृत के शब्द उसी रूप में ग्रहण करने के बाद उसे, तत्सम शब्द कहा जाता हैं|
52. दूसरी भाषा से आए शब्द विदेशी
कहलाते है|
53. जो शब्द संस्कृत से आते है, पर परिवर्तित रूप में जब उसे
स्वीकारा जाता है, उसे तदभव शब्द कहा जाता है|
54. शब्द जब व्याकरण आधार पर अनुशाषित होते है, तब उसे रूप कहा जाता है|
55. अर्थ के कारण ही भाषा की प्रतीति होती है|
56. किसी भाषिक इकाई को किसी भी इंद्रिय से ग्रहण करने पर जो
प्रतीति होती है, उसे अर्थ कहते है|
57. भाषा विज्ञान की जिस शाखा में अर्थ का अध्ययन किया जाता
है, उसे अर्थ विज्ञान कहा जाता है|
58. शब्द शरीर तो अर्थ आत्मा है|
59. शब्द अर्थ के प्रतीक होते है|
60. शब्द जिस बुद्धीगत भाव को व्यक्त करते है, उसे ही अर्थ कहा जाता है|
61. भारतीय परंपरा में अर्थबोध के आठ
साधन हैं|
62. शब्दों के अर्थगत सूक्ष्म बोध को स्पष्ट करना है ,तो व्याकरण की मदद लेनी पडती है|
63. शब्दों के जब अनेकार्थ होते है, तब उसे पर्यायता कहते है|
64. भर्तृहरी ने ‘वाक्य पदीय’
में अनेकार्थ शब्दों के निर्णय के चौदह साधन बताये
हैं|
65. डॉ. भोलानाथ तिवारी ने अर्थ परिवर्तन की तीन दिशायें बताई है|
66. अर्थ परिवर्तन का अध्ययन अर्थ
विज्ञान करता है|
युनिट २ - वाक्य विज्ञान
67. वाक्य का भाषा विज्ञान की जिस शाखा में अध्ययन किया जाता
है, उसे वाक्य विज्ञान कहते है|
68. भाषा का कार्य विचार-विनिमय जिसके माध्यम से होता है,
उसे, वाक्य कहा जाता है|
69. भाषा का प्रमुख कार्य विचार-विनिमय
है|
70. भाषा की सहज इकाई वाक्य
है|
71. वाक्य विज्ञान वाक्य गठन का अध्ययन तीन प्रकार से करता है|
72. पूर्ण अर्थ की प्रतीति करानेवाले शब्द समूह को वाक्य कहा
जाता है |
73. वाक्य को अर्थ प्राप्त होने के लिये पांच आवश्यकताएं जरुरी होती हैं|
74. वाक्य की दो अंग होते
हैं- अ) उद्देश्य ब) विधेय
75. वाक्य में जिसके बारे में कहा जाता है, उसे उद्देश्य कहा जाता है|
76. उद्देश्य के बारे में जो जानकारी डी जाती है, उसे विधेय कहा जाता हैं|
77. वाक्यों का वर्गीकरण चार प्रकारों
से किया जाता है|
78. आकृति के आधार पर वाक्य के दो
प्रकार बनते हैं- 1) अयोगात्मक २)
योगात्मक
79. अयोगात्मक और योगात्मक यह वाक्य के प्रकार आकृति
के आधार पर बनते हैं|
80. रचना के आधार पर वाक्य के तीन
प्रकार बनते हैं| 1) सरल वाक्य २) मिश्र वाक्य ३) संयुक्त वाक्य
81. अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ
प्रकार बनते है|
82. जिस वाक्य में निषेध दर्शया हो, उसे निषेधात्मक वाक्य कहा जाता है|
83. कहावतें, मुहावरें
छंद युक्त वाक्य क्रियाहिन होते है|
युनिट ३ -भाषा विज्ञान और साहित्य का संबंध
84. विज्ञान का अर्थ विशिष्ठ ज्ञान है
85. भाषा का विशिष्ठ अध्ययन करनेवाली शाखा को भाषा विज्ञान कहा जाता है|
86. भाषा विज्ञान के भाषा साध्य
है|
87. साहित्य के लिए भाषा अभिव्यक्ति
है|
88. साहित्य भाषा विज्ञान के लिए सामग्री
संकलन का कार्य करता है|
89. भाषा के शुद्ध पाठ का अध्ययन करना है, तो साहित्य को भाषा विज्ञान की मदद लेनी पडती है|
90. जीवित और मृत भाषाओं अध्ययन करना है, तो भाषा विज्ञान को
साहित्य की मदद लेनी पडती है|
युनिट ३ भाषा विज्ञान
और व्याकरण का संबंध
91. ‘व्याकरण’ शब्द का अर्थ
टुकडे करना है |
92. भाषा विज्ञान व्याख्यात्मक
है||
93. व्याकरण वर्णात्मक है|
94. भाषा विज्ञान व्याकरण का व्याकरण
है|
95. व्याकरण भाषा विज्ञान का अनुगामी
है|
96. भाषा विज्ञान प्रगति वादी है|
97. व्याकरण पुराणमत वादी है|
98. व्याकरण कला है, तो भाषा
विज्ञान विज्ञान है |
99. व्याकरण का क्षेत्र सीमित
है, तो भाषा विज्ञान का क्षेत्र व्यापक है|
100. व्याकरण का नियम निर्धारण है,
तो भाषा विज्ञान का कार्य परिमार्जन है |
101. भाषा विज्ञान भाषा का वैज्ञानिक
अध्ययन करता है |
102. व्याकरण भाषा की रचना स्पष्ट करता
है|
युनिट ३ भाषा विज्ञान और समाज विज्ञान का संबंध
103. समाज का अध्ययन जिस शाखा में किया जाता है, उसे समाज विज्ञान कहा जाता है|
104. भाषा आद्यंत सामाजिक वस्तु है|
105. भाषा समाज का दर्पण है|
106. समाज भाषा का अनुचर है|
107. समाज के विकास के साथ भाषा का
विकास होता है|
108. भाषा की परिवर्तन शिलता का अध्ययन समाजविज्ञान करता है|
109. भाषा के शब्दों को जो विशिष्ठ अर्थ प्राप्त होता है, अगर
यह जान लेना है तो भाषा विज्ञान को समाज विज्ञान की
मदद लेनी पडती है|
युनिट ३ भाषा विज्ञान और मनो विज्ञान का संबंध
110. जिस शाखा में मन का विशेष अध्ययन किया जाता है, उसे मनोविज्ञान कहा जाता है|
111. मन का प्रकट रूप ही भाषा
है|
112. भाषा के आंतरिक गुथ्तियों को सुलझाने के लिये भाषा
विज्ञान को मनो विज्ञान का सहारा लेना पडता है|
113. बालकों की भाषा का अध्ययन करना है, तो मनोविज्ञान को भाषा विज्ञान की मदद लेनी पडती है|
युनिट ३ भाषा विज्ञान और भूगोल का संबंध
114. Geography एक ग्रीक भाषा का
शब्द है|
115. Geography इस शब्द का सामान्य अर्थ पृथ्वी का अध्ययन करना|
116. भूगोल भाषा विज्ञान को मनोरंजक सामग्री प्रदान
करता है|
117. बोलियां बनने का कारण भूगोल
होता है||
118. भाषा के परिवर्तन का अध्ययन भूगोल
की मदद से भाषा विज्ञान करता है|
युनिट ३ भाषा विज्ञान और इतिहास का संबंध
119. इतिहास के तीन रुपों को
लेकर भाषा विज्ञान के साथ संबंध स्पष्ट किया जाता है|
युनिट 4 – मानक वर्तनी के नियम
120. मानक वर्तनी को अंग्रेजी में स्टैंडर्ड कहा जाता है|
121. लिखने की रीति तथा पद्धति को वर्तनी
कहा जाता है|
122. हिंदी वर्तनी में एकरूपता लाने के लिए भारत सरकार द्वारा
सन १९६७ में ‘हिंदी
वर्तनी का मानकीकरण’ यह पुस्तक प्रकाशित हो गयी है|
123. भाषाओं में एकरूपता आए इस दृष्टि से ही व्याकरण के नियमों को अध्ययन करना पडता है|
124. भाषा की गठन की दृष्टि से वर्तनी
का काफी महत्व होता है|
125. हिंदी में लगभग 52 वर्ण
हैं|
126. मूल वर्ग के वर्ण में जो पांचवा वर्ण होता है, उसे पंचाक्षर कहा जाता है|
127. खडीपाई व्यंजनों का संयुक्त अक्षर खडीपाई को हटाकर बनाया जाता है|
128. बैगैर खडीपाई वर्णो का संयुक्त अक्षर हल चिन्ह लगाकर बनाना चाहिए |
129. संयुक्त ‘र’ के प्रचलित तीनों रूप यथावत रहेंगे|
130. हिंदी के विभक्ति प्रत्यय सर्वनामों को छोड शेष
सभी प्रसंगों में अलग लिखे जाए|
131. द्वंद्व समास के बीच हाइफन
रखा जाए|
132. सम्मानार्थ ‘जी’ और ‘श्री’ अव्यय हमेशा स्वतंत्र लिखे जाए|
133. हिंदी में पूर्ण विराम के लिये खडीपाई
का प्रयोग किया जाता है|
134. जहां चंद्रबिंदू के बिना अर्थ में भ्रम की गुंजाईश हो
वहां चंद्रबिंदू का प्रयोग किया जाना चाहिए|
युनिट 4 कारकों के अर्थ और प्रयोग
135. कारक का सामान्य अर्थ है करनेवाला
है|
136. कारक को सूचित करने के लिये संज्ञा या सर्वनाम के आगे जो
प्रत्यय लगते है, उन्हें, विभक्ति प्रत्यय या कारक
प्रत्यय कहते हैं|
137. हिंदी में आठ कारक चिन्ह
हैं|
138. कर्ता कारक का प्रत्यय ने
है|
139. कर्म कारक का प्रत्यय को
है|
140. करण कारक का प्रत्यय से
है |
141. सम्प्रदान कारक का प्रत्यय को,
के लिये है|
142. अपादन कारक का प्रत्यय से है
|
143. संबंध कारक के प्रत्यय का, की,
के, रा,री, रे,ना, नी, ने है|
144. अधिकरण कारक के प्रत्यय में, पर
है|
145. संबोधन कारक के प्रत्यय हे,अजी,
अहो आदि हैं|
146. कर्ता के साथ अगर प्रत्यय आता है, तब उसे सप्रत्यय कर्ता कारक कहते है|
147. कर्ता के साथ अगर प्रत्यय नहीं आता है, तब उसे अप्रत्यय कर्ता कारक कहते है|
148. संज्ञा या सर्वनाम के
जिस रूप से क्रिया करनेवाले का बोध होता है, उसे कर्ता कारक कहते
है|
149. जिस वस्तु पर क्रिया के व्यापार का फल पडत है, उसे
दर्शनेवाले शब्द को कर्म कारक कहते है|
150. संज्ञा या सर्वनाम के क्रिया के जिस रूप से क्रिया के
साधन का बोध होता है, उसे करण कारक कहते है|
151. ‘धन से प्रतिष्ठा बढती है’ इस वाक्य में धन करण कारक है|
152. जिस वस्तु के लिए क्रिया की जाती है, उसे सूचित करनेवाले
संज्ञा के रूप को संप्रदान कारक कहते है|
153. ‘गुरु शिष्य को व्याकरण पढाते है’ इस वाक्य में शिष्य शब्द
संप्रदान कारक है|
154. संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के अलगाव, दूर
होना, निकलना या तुलना करने का बोध होता है, उसे अपादान
कारक कहते है|
155. श्याम से मोहन तरबेज है’ इस वाक्य में श्याम से अपादान कारक है|
156. संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से अन्य शब्दों के साथ
संबंध स्थापित होने का बोध होता है, उसे संबंध कारक कहते
है|
157. मेरा भारत महान’ इस वाक्य में मेरा
शब्द संबंध कारक को दर्शता है|
158. संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के आधार का बोध
होता है, उसे अधिकरण कारक कहते है|
159. अधिकरण कारक के ‘में’ प्रत्यय से भीतरी आधार का बोध होता है|(मोहन कमरे में बैठा है|)
160. अधिकरण कारक के ‘पर’ प्रत्यय से बाहरी आधार का बोध होता है| (तोता पेड पर बैठा
है|)
161. संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से किसी को पुकारने,
बुलाने, संबोधित करने या चेतीत करने का बोध होता है, उसे संबोधन
कारक कहते है|
162. हे भगवान! मुझे परीक्षा में अच्छे मार्क्स दिलाना’ इस
वाक्य में हे भगवान संबोधन कारक है|
युनिट 4 – पदक्रम के नियम
163. शब्द के साथ प्रत्यय जुडने से बननेवाले शब्द रूप को ही पद कहते है|
164. जब शब्द वाक्य में प्रयुक्त होने की योग्यता प्राप्त
करते है तब उसे पद कहते है|
165. पदों का वाक्यों में जो निश्चित क्रम होता है उसे पदक्रम कहते है|
166. प्रत्येक भाषा का पदक्रम अलग-अलग
होता है|
167. पदक्रम के दो प्रकार
होते है|( आलंकारिक और व्याकरणिक )
168. सामान्यत: वाक्य प्रारंभ में कर्ता
रखा जाता है|
169. सामान्यत: वाक्य के अंत में क्रिया
रखी जाती है|
170. वाक्य में द्विकर्मक क्रिया जब आती है, तब पहले गौण कर्म रखा जाता है|
171. संज्ञा के पूर्व विशेषण
रखते है|
172. क्रिया के पूर्व क्रिया विशेषण रखा
जाता है|
173. ‘चतुर राजा आज नगर में आए है’ इस वाक्य में चतुर विशेषण है |
174. प्रश्न वाचक अव्यय ‘ क्या’ वाक्य के
आदि,मध्य और अंत में रखा जाता है|
175. प्रश्न वाचक अव्यय ‘न’ हमेशा वाक्य के अंत में आता हैं |
176. संबंध वाचक क्रिया विशेषण अव्यय बहुधा वाक्य के प्रारंभ में ही आए है|
177. समुच्चय बोधक अव्यय दो शब्दों और वाक्यों के बीच में आते है|
178. संकेत वाचक समुच्चय बोधक अव्यय वाक्य के प्रारंभ में ही आते है|
179. विस्मयादिबोधक अव्यय वाक्य के प्रारंभ में ही आते है |
180. ‘अरे, यह क्या हुआ’ इस वाक्य में अरे यह विस्मयादिबोधक अव्यय है|
युनिट 4 – अल्प विराम(,) के नियम
181. हिंदी में मुख्य रूप से आठ
विराम चिन्हों का प्रयोग किया जाता हैं|
182. बोलते या लिखते वक्त जब हम विश्राम लेते है, व्याकरण की
भाषा में उसे विराम कहते है|
183. लिखते समय ऐसे स्थानों पर कुछ चिन्ह लगाये जाते है, उसे
ही विराम चिन्ह कहा जाता है|
184. बहुत थोडे समय के लिये रुकना है, तो यह अल्प विराम से दर्शया जाता है|
185. वाक्य पूर्ण होने के बाद पूर्ण
विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता|
186. यदि उद्देश बहुत लंबा हो तो उसके बाद अल्पविराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता है|
187. यदि दो शब्दों के बीच समुच्चय बोधक अव्यय न हो तो अल्पविराम लगाते
है|
188. समानाधिकरण शब्दों के बीच भी अल्पविराम
लगाते है|
189. विस्मयादिबोधक या संबोधन शब्द के बाद अल्पविराम चिन्ह लगाते है|
190. छंदों में यति के बाद अल्पविराम
लगाते है|
191. सकारात्मक और नकारात्मक शब्द के बाद अल्पविराम चिन्ह लगाते
है|
192. वाक्य में निश्चितता लाने के लिये अल्पविराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता है|
युनिट 4 – अवतरण चिन्ह( ‘’ “”) के नियम
193. किसी व्यक्ति के महत्वपूर्ण वचन को अवतरण चिन्ह में रखा जाता है|
194. व्याकरण, तर्क, अलंकार आदि साहित्यिक विषयों के उदाहरण अवतरण में रखे जाते है|
195. वाक्य में किसी शब्द पर जोर देना है तो वह शब्द एकहरे अवतरण चिन्ह में रखते है|
युनिट 4 निर्देशक (-) के नियम
196. किसी विषय के साथ तत्संबंधी सूचना देने के पूर्व
निर्देशक चिन्ह लगाते है|
197. किसी व्यक्ति के महत्वपूर्ण वचन को उद्धृत करने से पूर्व
निर्देशक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है|
198. दो संख्याओं, नामों या सन के बीच जब निर्देशक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है, तब उसका अर्थ यहां से यहां तक होता है |
1 199. ‘कि’ जगह निर्देशक चिन्ह का प्रयोग कर सकते
है|
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म 👀University Notes👀
भाषा विज्ञान और हिंदी भाषा
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