1. महाकवि चंद का जन्म लाहौर में हुआ|
2. पृथ्वी राज रासो के रचयिता चंदाबरदाई है|
3.पृथ्वी राज चौहान ने शब्द - बेधी बाण चलाया |
4. पृथ्वी राज रासो राष्ट्रीयता महाकाव्य है|
5. पृथ्वी राज रासो की भाषा डिंगल है|
6.विदेशी लोगों का भारत पर सत्ता प्राप्त करने के लिए सतत प्रयास जारी था |
7.शहाबुद्दीन गौरी गजनी सुलतान था|
8. राजा और सामंत बहुपत्नीत्व प्रथा अवलंबन करते थे|
9.आम जनता के शोषण का साधन धर्म बना|
10.आश्रयदाता की प्रशंसा करनेवाला साहित्य चारण कवि रचते थे|
कबीर -
1) कबीरदास का लालन- पालन जुलाहा परिवार में हुआ था|
२) 'जुलाहा' शब्द फारसी भाषा का है|
३) म्लेच्छ पिता और कुविंद माता से जो संतति हुई वही जुलाहा कहलाई |
4) कुविंद एक शिल्पी या कलाकार है|
५) १९०१ के मनुष्य गणना के अनुसार रिजली साहब ने 'पीपुल्स ऑफ इंडिया' नामक ग्रंथ लिखा था|
६) 'पीपुल्स ऑफ इंडिया' नामक ग्रंथ में रिजली साहब ने तीन मुसलमान जातियों की तुलना की थी|(सय्यद, पठान, जुलाहे)
७) 'पीपुल्स ऑफ इंडिया' नामक ग्रंथ में जुलाहा जाति का उल्लेख है|
८) कबीरदास का अविर्भाव सिकंदर लोदी के जमाने में हुआ था|
९) कबीर का जन्म काशी में सं १४५६ में हुआ|
१०) कबीरदास की मृत्यु मगहर में सं १७७५ में हुई|
११) कबीरदास का पालन- पोषण नीरु-निमा जुलाहा दम्पत्ति नें किया |
१२) नीरु-निमा को कबीरदास लहरतारा तालाब के किनारे मिलते है|
१३) कबीर की पत्नी का नाम लोई है|
14) कबीर के संतानों के नाम कमाल-कमाली है|
१५) कबीरदास के गुरु का नाम रामानंद है|
16) कबीर एक मात्र प्रामाणिक रचना बीजक है|
17) साखी, सबद, रमैनी बीजक के तीन भाग हैं|
१८) 'कबीर ग्रंथावली' नाम से कबीर की वाणी का संकलन डॉ. श्याम सुंदरदास ने किया है|
१९) ग्रंथ साहब के पदों का संग्रह 'संत कबीर' नाम से डॉ. रामकुमार वर्मा ने किया है|
२०) अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' ने कबीर रचनावली नाम से संकलन किया है|
२१) 'कबीर के पद' नाम से संपादन श्री क्षितिमोहन ने किया|
२२) श्री युगलानंद जी ने 'सत्य कबीर की साखी' नामक ग्रंथ लिखा |
23) कबीरदास का अवधूत नाथपंथी सिद्ध योगी है|
२४) गोरखनाथ के योग मार्ग में गुरु की बडी महिमा गयी जाती है|
२५) कापालिक वस्तुत: नाथपंथी है|
२६) 'शाबरमंत्र' में जिन १२ आचार्यों और शिष्यों को कापालिक कहा गया है, वे वस्तुत: नाथपंथी है|
२७) नाथपंथ आदि प्रवर्तक आदिनाथ अर्थात स्वयं शिव माने जाते है |
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