B.A. III Sem I - पेपर XI (भाषा विज्ञान और हिंदी भाषा) बहुविकल्पी (Objective)

पेपर नं ११ -  भाषा विज्ञान

 बहुविकल्पी प्रश्न 

इकाई I

1) भाषा शब्द संस्कृत के भाष धातु से बना है।

२) भाष शब्द का अर्थ बोलना या कहना है |

३) जो वाणी वर्णो में व्यक्त होती होती है, उसे भाषा कहते है, यह परिभाषा पतंजली ने की है|

4) विचारों की अभिव्यक्ति का भाषा एक महत्वपूर्ण साधन है|

५) भाषा उच्चारण अवयवों  से उच्चारित मुलत: प्राय: यादृच्छिक ध्वनि प्रतीकों की वह व्यवस्था है, जिसके द्वारा किसी भाषा समाज के लोग आपस में विचारों का आदान-प्रदान करते है, उसे भाषा कहते है, यह भोलानाथ तिवारी ने कहा है|

६) प्लेटो ने सोफिस्ट में विचार और भाषा के संबंध में लिखा है|

7) विचार आत्मा मूक या अध्वन्यात्मक बातचित है|

८) जब अध्वन्यात्मक बातचीत ध्वन्यात्मक होकर ओठों पर आती है, तब उसे भाषा कहते है|

९) ध्वन्यात्मक शब्दों द्वारा विचारों का प्रकटीकरण भाषा है, स्वीट ने कहा है|

१०) अर्थवान कंठ से नि:सृत ध्वनि समष्टी को भाषा कहते है, सुकुमार सेन ने कहा है|

११ ) भाषा वह साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचार दूसरों पर भलीभांती प्रकट कर सकता है और दूसरों के विचार आप स्पष्ट  तया समझ सकता हैं, पंडित कामता प्रसाद गुरु ने कहा है|

१२) भाषा पैतृक संपत्ति नहीं है|

13) भाषा अर्जित संपत्ति है|

14) भाषा का अर्जन अनुकरण द्वारा होता है| भाषा अनुकरण से सीखी जाती है|

१५) अरस्थू के अनुसार अनुकरण मनुष्य का स्वाभाविक गुण है|

16) भाषा आद्यंत सामाजिक वस्तु है|

17) भाषा का अर्जन समाज से होता है|

१८) भाषा चिर परिवर्तन शील वस्तु है|

१९) भाषा का कोई अंतिम रूप नहीं होता|

२०) 'भाषा बहता नीर' कबीर ने कहा है|

२१) भाषा परंपरागत होती है|

२२ ) 'जो वाणी वर्णों में व्यक्त होती है उसे भाषा कहते हैं' पतंजलि ने कहा है

23 )संस्कृत भाषा के व्याकरण के मूलाधार  पाणिनी  ने 14 सूत्रों को शिव के डमरू से निकला माना है

24 ) संस्कृत को देव भाषा कहा जाता है

२५ ) भारतीय पंडित वेदों को अपौरुषेय मानते हैं

२६ ) जैन लोक  अर्धमागधी  को सभी जीवन की मूल भाषा मानते हैं।

२७ ) गौतम बुद्ध तथा बौद्ध धर्म के लोग पाली भाषा को मूल भाषा मानते हैं

२८ ) ईसाई लोग हिब्रू भाषा को सभी भाषाओं का मूल मानते है।

२९ ) मुसलमान लोग कुरा को 'ख़ुदा का कलाम' मानते हैं

३० ) 'बेकोस' इस फ्रीजियन शब्द का अर्थ है रोटी

३१ ) धातु सिद्धांतों को डिंग डोंग थेरी  या रणन  सिद्धांत भी कहा जाता है

32 ) भाषा उत्पत्ति के संबंधी दैवी उत्पत्ति सिद्धांत सबसे प्राचीन है

33 ) धातु सिद्धांत के प्रवर्तक मैक्स मूलर माने जाते हैं

३४ ) धातु सिद्धांत की ओर सर्वप्रथम संकेत प्लेटो ने किया है

३५ ) विभिन्न प्रकार की वस्तुओं की ध्वन्यात्मक अभिव्यक्ति धातु थी

३६ ) बाऊ - बाऊ अंग्रेजी में कुत्ते की बोली को कहा जाता है

३७) मैक्स मूलर ने अनुकरण  सिद्धांत को बाऊ- वाऊ कहकर खिल्ली उड़ाई है| 

३८)ध्वन्यात्मक  अनुकरण सिद्धांतों को भो-भो  वाद कहा जाता है।

३९) श्रम परिहार सिद्धांतों को यो -हे - हो सिद्धांत भी कहा जाता है

४०) श्रम परिहार सिद्धांत के जन्मदाता न्वायर नामक विद्वान थे

४१) मनोभावभिव्यंजक सिद्धांत को पूह पूह वाद कहा जाता है।

४२) समन्वित सिद्धांत का प्रतिपादन प्रसिद्ध भाषा वैज्ञानिक स्वीट महोदय ने किया है

४३) भाषा चिर परिवर्तनशिल होती है

४४) भाषा की उत्पत्ति का अध्ययन करने के दो मार्ग हैं

४५) भाषा कठिनता से सरलता की ओर जाती है।

४६) भाषा संयोगावस्था से वियोगावस्था की ओर जाती है

४७) प्रत्येक भाषा का एक सामाजिक स्तर होता है

48) चार कोस पर पानी, बदले 8 कोस पर बानी

४९) प्रत्येक भाषा की भौगोलिक /सामाजिक /ऐतिहासिक सीमा होती है

५०)अनुकरण सिद्धांत का विरोध रे ने किया

५१) बच्चों की भाषा के जरिए मूल भाषा की प्रवृत्ति जानना परोक्ष पद्धति है।

52) दैवी उत्पत्ति का दूसरा नाम दिव्य उत्पत्ति सिद्धांत है।

53) प्लेटो सभी चीजों को प्रकृति प्रदत्त मानते हैं

54) वेन्द्रीय के अनुसार भाषा एक तरह का संकेत है|

५५) भाषा में प्रयुक्त ध्वनि समष्टियां सार्थक  होती है|

५६) वस्तुत: भाषा की दृष्टि से   कर्णग्राह्य        प्रतीक  सर्वश्रेष्ठ है|

57) भाषा वक्ता के विचारों को श्रोता तक पहुंचाती है, अर्थात वह विचार विनिमय का साधन है|

58) यादृश्चिक का अर्थ, जैसी इच्छा हो , माना हुआ |

५९) भाषा निश्चित प्रयत्न के फलस्वरूप मनुष्य के उच्चारण अवयवों   से नि:सृत  समष्टि होती है|

६०) मानव भाषा अनुवंशिक नहीं होती है|

61) अनुकरण सिद्धांत के अंतर्गत तीन उपसिद्धांत रखे जाते है|

इकाई II

1) भाषा की परिवर्तनशिलता से तात्पर्य है भाषा का विकास |

2) युरोप में भाषा  पर विचार करनेवाले प्रथम व्यक्ति जे. एच. ब्रेड्स डार्फ है|

३) विद्वानों नें भाषा विकास के कारणों दो वर्गों में विभाजित किया है| 

4) जो कारण भाषा की प्रकृति या स्वरूप से संबंधित होते है, उन्हें अभ्यंतर कारण कहते है|

५) प्रयत्न लाघव को मुख- सुख कहते है|

६) संक्षिप्तता का प्रयोग प्रयत्न लाघव की दृष्टि से किया जाता है|

७) उपाध्याय का झा, ओझा हो जाना मुख-सुख का उदाहरण है|

८) अधिक प्रयोग के कारण संस्कृत की कारकीय विभक्तिया घिसकर समाप्त हो गयी है| 

९) हिंदी में अधिक प्रयोग के कारण परसर्गो की आवश्यकता पडी |

१०) किसी व्यंजन, शब्द, शब्दांश पर बोलते समय अधिक बल देना बलाघात कहालता है|

११.जीवित भाषा का अनिवार्य लक्षण है कि वह हमेशा परिवर्तनशील होती है|

१२.परिवर्तन सृष्टि का नियम है|

13. भाषा कठिनता से सरलता की ओर जाती है।

14.  बल के कारण अभ्यंतर शब्द भीतर में परिवर्तित हुआ

१५.  अंग्रेजी में ट्रेजेडी का त्रासदी में परिवर्तन जान बूझकर परिवर्तन का उदाहरण है।

16.  गांधीजी के कारण हिंदुस्तानी शैली को काफी बल मिला

 17.अंग्रेजी शब्द एकेडमी का अकादमी यह जान बूझकर परिवर्तन का उदाहरण है

 १८.कबीर नहीं 'पिंगला' के सादृश्य पर ड़ा को इंगला कहा है

१९.बच्चा का बचवा भावातिरेक भाषा परिवर्तन का उदाहरण है

२०. फ्रेंच भाषा कोमलता और कला प्रियता के कारण मधुर बन गई है

२१. जो कारण भाषा को बाहर से प्रभावित करते हैं उन्हें बाह्य कारण कहा जाता है।

 २२. मकान से मकाना है ऐतिहासिक प्रभाव का उदाहरण है

23.हायकू जापान देश का काव्य प्रकार है

२४. स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज द्वारा जागृति पैदा की।

 २५.भाषा का संकीर्ण तम या लघु रूप व्यक्ति बोली है

२६. भाषा क्षेत्र बोली की तुलना में अपेक्षाकृत व्यापक होता  है

 २७.बोली शब्द अंग्रेजी के Dialect शब्द का प्रत्यय शब्द है

२८. बोली के लिए  विभाषा शब्द का भी प्रयोग किया जाता है

 २९.राठौरी उप बोली बुंदेली बोली के अंतर्गत आती है।

 ३०.परिनिष्ठित भाषा विस्तृत क्षेत्र में प्रयुक्त और व्याकरण से नियंत्रित होती है।

३१.बोली और भाषा में अंतर तात्विक होकर व्यवहारिक हैं।

 32.बोलना धातु से बोली शब्द बना है

33.एक व्यक्ति के बोली को व्यक्ति बोली कहा जाता है।

३४.बहुत से व्यक्ति बोलियों के सामूहिक रूप को स्थानीय बोली या उप बोली कहते हैं

३५.बोली के लिए विभाषा उप भाषा या प्रांतीय भाषा आदि शब्दों का प्रयोग करते हैं

३६.परिनिष्ठित भाषा को अंग्रेजी में स्टैंडर्ड शब्द है।

३७.जब बोली किन्ही कारणों से प्रमुखता प्राप्त कर लेती है तब वह भाषा कहलाने लगती है

इकाई III

1)आर्यों की विषय में यह अनुमान लगाया जा सकता है कि 15 00 इसवी सन पूर्व लगभग उत्तर भारत में बसे हुए थे।

२) वेद रचना जि भाषा में हुई है उसे मूल भाषा के सकते हैं

३) साधारण जनों की भाषा सामान्यतः प्राकृत रही।

4) आर्यों की भाषा का साहित्यिक रूप संस्कृत के नाम से प्रसिद्ध हुआ

५) प्राकृत भाषाओं का काल 1 ईसवी सन से 500 ईसवी सन तक का है

६) वैयाकरणकारों ने अपभ्रंश यानी बिगड़ी भाषा कहां है।

७) अपभ्रंश भाषाओं का समय 500 इ.स से 1000 . तक माना जाता है

८) आदि काल में राजस्थान के चारणों द्वारा लिखित साहित्य है जिसकी भाषा डिंगल है

९) हिंदी शौरसेनी अपभ्रंश से विकसित हुई है

१०) अमीर खुसरो की वाणी हिंदवी के रूप में विकसित हुई

११) रामचरितमानस की रचना अवधि में हुई

१२) शब्द समूह की दृष्टि से हिंदी का सबसे बड़ा कोश बृहत हिंदी कोश है

13) किसी भाषा में प्रयुक्त होने वाले समस्त शब्द के समूह को उस भाषा का शब्द समूह कहते हैं।

14) तत्सम शब्द जिन्हें बिना परिवर्तन के साथ सीधे संस्कृत से ग्रहण किया गया है

१५) तद्भव शब्द वे है जो संस्कृत भाषा से निकलकर प्राकृत, अपभ्रंश भाषा से होते हुए हिंदी भाषा में आते हैं।

16) जिनकी उत्पत्ति का कोई पता नहीं चलता उन्हें देशज शब्द कहते हैं

17) कबड्डी शब्द देशज है।

१८) अन्य देशों की भाषाओं से आए शब्द विदेशी कहलाते हैं

19) धन्यवाद शब्द बंगाली भाषा से हिंदी में आया है

२०) वांग्मय शब्द मराठी भाषा से हिंदी में आया है

२१) भाषा की विकास की प्राचीन काल का समय 1000  से 500 ई.स. तक माना जाता है

२२) भाषा की विकास की मध्यकाल का समय 1500  से 1800 ईसवी तक माना जाता है।

23) भाषा के विकास के आधुनिक काल का समय 1800 से आज तक माना जाता है

इसवी सन 1949 को संविधान सभा ने नेशनल लैंग्वेज के समांतर स्टेट लैंग्वेज का शब्द प्रयोग किया गया

२4)संविधान द्वारा सरकारी कामकाज, प्रशासन, संसद और विधान मंडलों तथा न्यायिक कार्य कला के लिए स्वीकृत भाषा को राजभाषा कहा जाता है।

२५) कार्यालयीन भाषा का हिंदी अनुवाद राजभाषा में किया जाता है

२६)14 सितंबर 1949 को स्वाधीन भारत के संविधान सभा ने संघ की राजभाषा के रूप में हिंदी को स्वीकृति दी।

२७)अनुच्छेद 343 के अनुसार संघ की राजभाषा हिंदी रहेगी और लिपि देवनागरी रहेगी।

२८)अनुच्छेद 351 के अनुसार संविधान में राजभाषा हिंदी के विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण 

कार्य किया।

२९) ईस्वी सन् 1955 में राजभाषा आयोग की स्थापना की गई

३०)राजभाषा नियम 1976 के नियम दो के अनुसार भारत को तीन (के,,के,)भागों में बाटा है

३१) 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है

32) मुस्लिम के शासनकाल में ारसी राजभाषा बनी थी

33)राष्ट्रीय एकता को बनाए रखना है तो उसका माध्यम हिंदी ही होगी महात्मा गांधी जी ने 

कहा था।

३४) राजभाषा नियम के अनुसार महाराष्ट्र ख क्षेत्र में आता है।

३५) राजभाषा नियम के अनुसार गुजरात  क्षेत्र में आता है

३६) राजभाषा नियम के अनुसार चंडीगढ़  क्षेत्र में आता।

३७) राजभाषा नियम के अनुसार पंजाब  क्षेत्र में आता है

३७) राजभाषा नियम के अनुसार अंदमान निकोबार  क्षेत्र में आता है

३८) राजभाषा नियम के अनुसार कर्नाटक  क्षेत्र में आता है।

३९) ग क्षेत्र में भेजे जाने वाली पत्र अंग्रेजी में ही होंगे

४०)उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश तथा दिल्ली  क्षेत्र में आते हैं

४१)देश के अधिकतर प्रदेशों के सामान्य लोग जिस भाषा में अपनी बातचीत, विचार विमर्श 

और व्यवहार करते हैं, वही राष्ट्रभाषा होती है।

४२) राष्ट्रभाषा आम जनता की भाषा होती है।

४३) समूचे राष्ट्र की संस्कृति को व्यक्त करने वाली भाषा को राष्ट्रभाषा कहते हैं।

४४)धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक स्थलों, बाजार हटो, मेलों,  उत्सवों  में राष्ट्रभाषा का प्रयोग 

किया जाता है।

४५) राष्ट्रभाषा के कारण देश के लोगों में एकता बनी रहती है।

४६)महात्मा गांधी जी ने मेरे सपनों का भारत नामक पुस्तक में हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में 

प्रतिष्ठा दी है।

४७)हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित करने में 1 दिन भी खोना देश को भारी सांस्कृतिक  नुकसान को पहुंच जाना है, यह वक्तव्य महात्मा गांधी जी का  है

48) प्राचीन काल में संपर्क भाषा के रूप में संस्कृत भाषा का प्रयोग होता था।

४९) ध्ययुगी भक्ति आंदोलन के रूप में हिंदी ने संपर्क भाषा के रूप में कार्य किया।

५०) अंतरराष्ट्रीय संपर्क भाषा के रूप में अंग्रेजी काम करती है।

५१) आज बोलने वालों की संख्या के आधार पर हिंदी दूसरे नंबर की भाषा है।

52. पश्चिमी हिंदी की खड़ी बोली बोली है

हिंदी भाषा का १००० वर्षों का इतिहास है

आदिकालीन हिंदी में अपभ्रंश के आठ स्वर थे

आदिकालीन हिंदी में अधिकांश स्वर अपभ्रंश भाषा के थे

शाह मिराजी आदिकालीन साहित्यकार है।

मध्यकालीन हिंदी पर फारसी भाषा का अधिक प्रभाव था

आधुनिक काल इन हिंदी में अंग्रेजी के प्रभाव स्वरूप आॅ  ध्वनि प्रयुक्त हैं

आधुनिक काल में महावीर प्रसाद द्विवेदी के कारण हिंदी का व्याकरण स्थिर हुआ

कृष्ण शब्द तत्सम है

चांद शब्द तद्भव है

कब्बडी शब्द देशज है

जो शब्द पूरी तरह तत्सम नहीं होते वे अर्ध तत्सम कहलाते हैं

कराटे शब्द जापानी भाषा का है।

रेल शब्द अंग्रेजी भाषा का है।

राष्ट्र की भावनात्मक एकता को व्यक्त करने का माध्यम राष्ट्रभाषा होती है

भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी है

उत्तर प्रदेश राज्य में हिंदी राजभाषा और राज्यभाषा के रूप में व्यवहृत है।

हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए महात्मा गांधी जी ने गुजराती भाषा का त्याग कर दिया था।

देश के एक कोने से दूसरे कोने तक जाने पर जनता संपर्क भाषा का प्रयोग करती है।

त्रिनिदाद में कबीर पंथियों ओं का बड़ा समूह है

दक्षिण अफ्रीका देश में हिंदी मातृभाषा ओं की संख्या एक लाख से ऊपर है।

73.1961 की जनगणना के अनुसार भारत में 12 सौ भाषाएं बोली जाती है

इकाई IV

1) चित्र लिपि लेखन की इतिहास की प्रथम सीढ़ी है

२) पेरू की लिपि सूत्र लिपि का अच्छा उदाहरण है

३) प्राचीन काल की चित्र लिपि एक प्रकार से अंतरराष्ट्रीय लिपि थी

4) चित्र लिपि में व्यक्तिवाचक संज्ञा को व्यक्त करने का कोई साधन नहीं है

५) सूत्र लिपि में स्मरण के लिए रुमाल आदि गांठ लगाई जाती थी।

६) हल्दी भेजकर विवाह की बात पक्की करना प्रतीकात्मक लिपि का उदाहरण है

७) नागरी लिपि अक्षर आत्मक लिपि का उदाहरण है

८) वर्णात्मक लिपि विकास की अंतिम सीढ़ी मानी जाती है।

९) भारत में लिपि के प्राचीनतम प्रमाण पांचवी शताब्दी के इसवी सन पूर्व मिलती है।

१०) देवनागरी लिपि का विकास प्राचीनतम ब्रह्मा  लिपि से हुआ है।

११) डॉक्टर उदय नारायण तिवारी के अनुसार 11 वीं शताब्दी तक देवनागरी लिपि पूर्णता प्राप्त चुकी थी

१२) भारत सरकार ने देवनागरी लिपि को राष्ट्रीय लिपि  के रूप में विभूषित किया है

13) वर्णमाला की पूर्णता देवनागरी लिपि की विशेषता है

14) देवनागरी में वर्णों को 7 वर्गों में विभाजित किया है

१५) देवनागरी लिपि का विकास पहले दक्षिण भारत में

16) लिपि शब्द संस्कृत की लिप धातु से बना है

17) लिपि का ोशगत अर्थ है लिखावट

१८) मानव भाषा को अंकित करने का साधन लिपि है

१९) दृष्टिगोचर ध्वनि को करण गोचर बनाने के लिए जिन प्रतीक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है उन्हें को लिपि कहते हैं

२०) लिपि विकास क्रम में अंतिम अवस्था की लिपि वर्णात्मक  लिपि है

२१) अक्षरात्मक लिपि को अंग्रेजी में सिलेबिक कहते हैं

२२) वर्णनात्मक लिपि को अंग्रेजी में अल्फाबेटिक कहते हैं।चिन्ह 

23)  एक ्वि एक चिन्ह  देवनागरी लिपि की विशेषता है

२४) देवनागरी लिपि का सर्वप्रथम प्रयोग गुजरात के राजा भट्ट ने किया

२५) पश्चिम वर्ग के अंतर्गत खड़ी बोली आती है

२६) हिंदी की पांच उपभाषाएं हैं

२७) हिंदी की 17/ 18 बोलियां हैं

२८) मेरठ के आसपास बोली जाने वाली बोली को खड़ी बोली कहते हैं।

२९) खड़ी बोली का दूसरा नाम कौरवी है|रव है

३०) खड़ी बोली का विकास शौरसेनी अपभ्रंश से माना जाता है।

३१) खड़ी बोली का आदिकालीन रूप अमीर खुसरो के साहित्य में उपलब्ध है

32) खड़ी बोली का मध्यकालीन रूप चंद छंद  वर्णन की महिमा में मिलता है

33) खड़ी बोली का आधुनिक काल का रूप लल्लू लाल की रचनाओं में मिलता है।

३४) जो री होती है, उसे खड़ी बोली कहा जाता है

३५) पूर्वी बोली की अवधी  एक उपबोली है

३६) अवधी शौरसेनी अपभ्रंश से उत्पन्न हुई है

३७) ब्रजभाषा पश्चिम हिंदी की एक बोली है

३७) मध्ययुगीन संतों के रचनाओं में अवधी  का रूप सुरक्षित है

३८) हेमचंद्र के व्याकरण में जो उदाहरण होते हैं, उनके भाषा में ब्रजभाषा का पूर्व रूप सुरक्षित है।

३९) पश्चिमी बिहारी को भोजपुरी कहते हैं।

४०) भोजपुर नाम के एक छोटे से कस्बे के आधार पर भोजपुरी ना पड़ा है।

४१) भाषा के अर्थ में भोजपुरी शब्द का प्रथम प्रयोग 1789 को मिलता है

४२) भोजपुरी की उत्पत्ति पश्चिमी मगधी से हुई है।

 ४३.ब्रज  यह बोली पश्चिमी हिंदी इस भाषा से निकली है

४४.पश्चिमी हिंदी से पांच बोलियां निकलती है

४५.प्राचीन काल में भोजपुरी भल्ल  जनपद की राजधानी थी

४६.ध्वनियों को रेखाओं में व्यक्त करने की कला ही लिपि कहलाती है

४७.चित्र के माध्यम से भावों की अभिव्यक्ति चित्र लिपि के नाम से अभिहित होती है

48.स्मरण के लिए आज भी लोग रुमाल पल्लू में गांठ बांधते हैं।

४९ भोजपुरी यह बोली बिहारी हिंदी नामक उपभाषा से निकली है

५० अवध का प्राचीन नाम कोसला है

५१ मुर्गी के बच्चे का कलेजा बेचने का अर्थ युद्ध के लिए तैयार हो जाओ

52.भारतीय संविधान में देवनागरी लिपि को राष्ट्रलिपि के पद पर प्रतिष्ठित किया है


हिंदी की बोलियां 






एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ