इकाई I आदिकाल
1. आ. रामचंद्र शुक्ल ने आदिकाल का समय सं १०५० से सं. १३७५ तक माना है|
2. आ. रामचंद्र शुक्ल ने आदिकाल का नामकरण वीरगाथा काल किया है|
३. राहुल सांकृत्यायन ने आदिकाल का नामकरण सिद्ध सामंत युग किया है|
4. आ. महावीर प्रसाद द्विवेदी जी ने आदिकाल का नामकरण बीजवपनकाल किया है |
५. जॉर्ज ग्रियर्सन और डॉ. रामकुमार वर्मा ने आदिकाल चारणकाल किया है|
६. मिश्र बंधुओं ने आदिकाल का नामकरण प्रारंभिक काल किया है|
७. आदिकाल यह नामकरण आ. हजारी प्रसाद द्विवेदी ने किया है|
८. सम्राट हर्षवर्धन के निधन पश्चात उत्तरी भारत की केंद्रीय सत्ता का ऱ्हास हो गया|
९. मुस्लिमों ने सिंध को प्रवेश द्वार बनाकर उत्तरी भारत पर आक्रमण किए |
१०. सन ७१०-११ में सबसे पहले मुहम्मद बिन कासिम के नेतृत्व में सिंध पर धावा बोल दिया था|
11. संकुचित राष्ट्रीयता के कारण आदिकालीन राजनीतिक सत्ता डावांडौल हो गयी|
12. १० वीं शताब्दी के अंत में गजनी का राज्य महमूद गजनवी के हाथ में आ गया था |
13. सोमनाथ के प्रसिद्ध मंदिरों को महमूद गजनवी ने लुटा था|
14. शहाबुद्दीन गौरी ने पृथ्वीराज चौहान पर अनेक बार आक्रमण किए|
15. आदिकाल में स्वयंवर प्रथा सिर्फ राजपूत जाति तक सीमित थी|
16. पृथ्वीराज रासों के रचयिता चंदबरदाई है|
17. पृथ्वीराज रासो एक श्रेष्ठ महाकाव्य माना जाता है|
18. पृथ्वी राज रासो में 69 सर्ग है|
19. पृथ्वीराज रासो की नायिका संयोगिता है|
20. पृथ्वीराज रासो का नायक पृथ्वीराज चौहान है|
21.पृथ्वीराज अजमेर के राजा सोमेश्वर के पुत्र थे |
22.सबसे पहले हिंदी साहित्य का इतिहास गार्सा द तासी ने लिखा।
23. मिश्र
बंधुओं ने अपनी किताब 'मिश्र बंधु विनोद' में हिंदी साहित्य के इतिहास को पांच काल खंडों में विभाजित किया है।
24 . पंडित
राहुल सांकृत्यायन आदिकाल को सिद्ध सामंत युग नाम से पुकारा
है।
25.वीरगाथा
काल यह नामकरण आचार्य
रामचंद्र शुक्ल ने किया है।
27.आदिकालीन
समाज में स्वयंवर प्रथा सिर्फ रजपूत जाति तक सीमित थी।
२८. . राजा जयचंद के षड्यंत्र के परिणाम स्वरूप चौहान को मोहम्मद गोरी से पराजित होना पड़ा।
29.रासो काव्य में युद्ध का सजीव
वर्णन है ।
30 पृथ्वीराज
रासो के रचयिता
चंद बरदाई है।
31 . पृथ्वीराज
रासो की नायिका
संयोगिता है।
३२. मिश्रबन्धुओं ने अपनी पुस्तक 'मिश्र बंधुविनोद' में हिंदी साहित्य के इतिहास को पांच कालखंडों में विभाजित किया है|
33. चंद बरदायी ने गझनी जाते समय अपने पुत्र झल्लर (जल्हन) को रासो पूरा करने का आदेश दिया |
३४. पृथ्वीराज रासो की भाषा पिंगल है|
३५. 'बीसलदेव रासो' के रचयिता नरपतिनाल्ह है|
३६. 'बीसलदेव रासो' विरह काव्य है|
३७. 'पृथ्वीराज रासो' वीर और शृंगार (रस) काव्य है|
३८. 'बीसलदेव रासो' की नायिका राजमती है|
३९. आ. रामचंद्र शुक्ल जे ने 'बीसलदेव रासो' का रचना काल सं १२१२ माना है|
४० 'बीसलदेव रासो' में चार खंड और १२५ छंद हैं|
४१. राजा बीसलदेव रानी राजमती से रूठकर उडीसा चला जाता है|
४२. उडीसा राज्य में हीरे की खाने थी |
४३. बीसलदेव रासो का नायक विग्रह राज चतुर्थ है|
४४. कवि चंदबरदायी पृथ्वीराज चौहान राजा का दरबारी कवि था|
४५. मध्यकाल में सबसे जबान तेज नायिका राजमती है|
४६. 'बीसलदेव रासो' के पद केदार राग में गाने के लिए लिखे गये है|
४७. 'बीसलदेव रासो' में एक ही छंद का प्रयोग हुआ है|
इकाई II भक्तिकाल
1)हिंदी साहित्य के भक्ति काल के राजनीतिक इतिहास की कहानी अल्लाउद्दीन खिलजी से प्रारम्भ होती है|
२) सय्यद वंश के बाद दिल्ली की गद्दी पर लोदी वंश के बैठे|
३) पानिपत की पहिली लढाई में बाबर ने विजय प्राप्त की थी |
4) जलालुद्दीन अकबर नाम से गद्दी पर बैठा था|
५) बाबर के पुत्र का नाम हुमायू है|
६) भारत के मुस्लिम शासकों मे अकबर का सर्वोच्च स्थान है|
७) अकबर ने अपने दरबार मे बीरबल, तानसेन, रहीम जैसे नवरत्न रखें थे|
८) शहाजान के शासन के अंतिम दिनो में बुंदेलखंड में चंपतराय की स्वतंत्रता की चेष्टाही प्रकट हुई |
९) महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज की स्वतंत्रता की चेष्टाएं प्रगट हुई|
१०) भक्तिकालीन समाज मे दो वर्ग निर्माण हो गये थे|
११) नामदेव के हिंदी पद गुरू ग्रंथ साहिब में संकलित है|
१२) नामदेव नाथपंथी वारकरी संप्रदाय में दीक्षित हो गये थे|
13) नामदेव के पिताजी विठ्ठल भक्त थे|
14) नामदेव का जन्म दर्जी परिवार में हुआ|
15) नामदेव की मां का नाम गोणाई था|
16) नामदेव की पिता का नाम दामाशेटी था|
17)नामदेव की पत्नी का नाम राजाई था|
18) नामदेव की बहन का नाम आऊबाई था|
19) नामदेव की पुत्री का नाम लिंबाई था|
20) नामदेव ने विसोबा खेचर से दीक्षा ली थी|
21) संत रविदास का जन्म रविवार माघ पौर्णिमा सं. 1433 काशी में चमार परिवार में हुआ |
22)संत रविदास के पिता का नाम संतोखदास है|
23) संत रविदास की माता का नाम कलशी देवी है|
24)मीरा का जन्म कुकडी गाव में हुआ था|
25)मीराबाई के पिता का नाम रत्नसिंह है|
26)मीराबाई के माता का नाम कुसुम कुमारी हैं|
27) मीरा कृष्ण की प्रेम दीवानी थी|
28)मीराबाई की रचनाओं में मीरा की पदावली सबसे अधिक प्रामाणिक मानी जाती है|
29)मीरा की भक्ति माधुर्य भाव की भक्ति है|
30) मीरा के काव्य में वेदना प्रमुख तत्व बनी हुई है|
31) मीरा के काव्य की भाषा ब्रजी है|
32) गुरुनानक सिख धर्म के संस्थापक थे|
33)गुरुनानक की माता का नाम तृप्ता था|
34) गुरुनानक की पिता का नाम कालूचंद था|
35) गुरुनानक का विवाह सुलक्षणी से हुआ था|
36) बाबर ने भारत पर आक्रमण किया तक लोधी वंश की शक्ति क्षीण हो गई थी|
37) अल्लाउद्दीन हुसेन शाह पहिला मुस्लिम शासक था जो जनता में लोकप्रिय हुआ|
38)बरार में इमादशाही मुस्लिम राज्य की स्थापना हुई थी|
39) बिजापुर में आदिलशाही मुस्लिम राज्य की स्थापना हुई थी|
40)अहमदनगर में निजामशाही मुस्लिम राज्य की स्थापना हुई थी
41)गोलकुंडा मे कुतुबशाही मुस्लिम राज्य की स्थापना हुई थी|
42)बीदर में वरीदशाही मुस्लिम राज्य की स्थापना हुई थी|
43) उस समय भारत में राणा सांगा और कृष्णदेवराय दोन प्रमुख शासक थे |
44) नामदेव के मराठी पद नामदेवांची गाथा तथा अन्य मराठी संग्रहों में संकलित हैं |
45) "रस्सी की करधनी और चिथडों की लंगोटी पहने नामदेव चंद्रभागा के रेतीले मैदान पर कीर्तन करते है" नामदेव के बारे में यह कथन जनाबाई का है|
46) नामदेव का जन्म महाराष्ट्र के परभणी जिले में नरसी बामणी गांव में शके ११९२ अर्थात १२७० ई. हुआ था|
47) नामदेव ने पंढरपुर के विठ्ठल मंदिर के महाद्वार पर समाधी ले ली थी |
48)'श्री नामदेव महाराज यांची अभंगांची गाथा' इस ग्रंथ का संपादन श्री. त्र्यंबक हरी आपटे ने किया है|
49)'गुरु ग्रंथ साहिब' इस ग्रंथ का संपादन गुरु अर्जुन देव ने किया था|
50)संत रविदास की पत्नी का नाम लोनीदेवी था|
51) रविदास के काव्य का संग्रह 'रविदर्शन' नाम से आ. पृथ्वीसिंह ने किया है|
52)'रविदास वचन सुधा' इस काव्य एक संकलन डॉ. सरानादास भनोत ने किया है|
53) मीराबाई का बचपन रावदूदा के यहां मेडते में बीता |
54) राव दूदा जी परम वैष्णव भक्त थे|
55) मीरा का व्यक्तित्व कृष्णमय रहा है|
56)गुजरात और राजस्थान में प्रचलित कौटुंबिक रीति- रिवाजों को 'माहेरा' कहते है|
57) गुरुनानक का जन्म सं. १५२६ कार्तिक पूर्णिमा के दिन तिलवंडी ग्राम-जिला लोहौर में हुआ|
58) श्रीचंद आगे जाकर उदासी संप्रदाय के प्रवर्तक बने |
59) गुरुनानक के पुत्रों के नाम श्रीचंद और लक्ष्मीचंद हैं|
60) गुरुनानक का देहावसन करतारपुर में हुआ|
61) 'जपुजी' इस रचना को सिक्खी शब्दावली में 'अमृतवेला' कहा गया है|
इकाई III निर्गुण भक्ति
1.ज्ञानाश्रयी शाखा के आद्यप्रवर्तक कवि कबीर हैl
2.प्रेमा
श्रयी शाखा के आद्यप्रवर्तक कवि जायसी हैl
3. कबीर
निर्गुण ईश्वर को
राम कहा है l
4 .निर्गुण
वादी कवि शंकराचार्य
के अद्वैतवाद से प्रभावित है l
5.निर्गुण
वादी कवि मुस्लिम
धर्म के एकेश्वरवाद से प्रभावित थे l
6. निर्गुण
भक्ती के अंतर्गत
बहु देव वाद का विरोध किया है l
7.निर्गुण
वादियों गुरु को गोविंद से बढकर माना है l
8..निर्गुण
वादियों का सबसे
महत्वपूर्ण कार्य समाज सुधार रहा है l
9. रहस्य
वाद निर्गुण काव्य की महत्त्वपूर्ण विशेषता है l
10. निर्गुण ईश्वर की प्राप्ति
आत्मज्ञान से संभव हैl
11. कबीर
का जन्म 1455 काशी में हुआ l
12. कबीर
का जन्म एक विधवा ब्राह्मणी के कोक से हुआ l
13. जन्मतः
कबीर को लहर तारा तालाब के किनारे त्याग दिया था l
14. कबीर
का पालन - पोषण जुलाह
दांपत्याने किया l
15. कबीर
के माता का नाम निमा
है l
16. कबीर
के पिता का नाम निरू हैl
17.कबीर
के गुरु का नाम रामानंद है l
18. कबीर
की पत्नी का नाम
लोई हैl
19.कबीर
के पुत्र का नाम
कमाल है l
20.कबीर
के पुत्री का नाम कमाली है l
21.कबीर
की मृत्यु मगहर में हुई हैl
22.कबीर
की एक मात्र प्रामाणिक
रचना बीजक हैl
23. कबीर
की भाषा सधुक्क्डी कहलाती है l
24. हजारी
प्रसाद द्विवेदी ने कबीर को वाणी के डिक्टेटर कहा हैl
25. कबीर
की मृत्यु 1575 में हुई हl
26. कबीर
अशिक्षित थेl
27. कबीर
सिकंदर लोधी के
समकालीन थे l
28. जायसी
का जन्म 900 हिजरी को हुआl
29. जायसी
के गुरु का नाम सय्यद अशरफ थाl
30. सूफी
परंपरा मूलतः इराण
देश की है l
31. पद्मावत
के रचियता जायसी है l
32. पद्मावत में 52 सर्ग हैl
33. पद्मावत
का नायक रत्न सेन
है l
34. पद्मावत
की नायिका पद्मावती है l
35. पद्मावत
का प्रधान रस शृंगार
है l
36. पद्मावत
की भाषा ठेठ अवधि हैl
37. पद्मावत में नागमती के विरह वर्णन को चित्रित किया हैl
38. नागमती
के विरह वर्णन में बारहमासा का विशेष स्थान है l
39. प्रेम
के पीर के प्रचार कवि जायसी हैl
40. कागज
मसि छुयो नहीं कलम गही नहीं हाथ कबीर ने कहा है l
41. जायसी
का जन्मस्थान जायस
नगर है l
42. जायसी
कुरूप थे l
43. पद्मावती
बुद्धि का प्रतीक
हैं l
44. भक्तिकाल का समय सं. १३७५ से सं. १७०० तक है|
45. 'पदमावत' में जायसी ने दोहा और चौपाई इन दो छंदों का प्रयोग किया है|
46. 'कागज मसि छुयो नहीं, कलम गहिं नहीं हाथ' यह उक्ति संत कबीर की है|
इकाई III सगुण भक्ति
1. तुलसीदास
राम भक्ति धारा के प्रमुख कवि
हैl
2. तुलसीदास
का जीवन काल 1532 से लेकर 1623 ई. तक हैl
3. अवतार
भावना सगुण काव्य की विशेषता है l
4. सगुण भक्ति में नवधा भक्ति को अत्यंत
महत्त्व है l
5. आचार्य
रामचंद्र शुक्ल ने तुलसी जी का जन्म स्थल राजापुर माना है l
6. तुलसीदास
जी के पिता का नाम
आत्माराम दुबे है l
7.तुलसी
दास जी के माता का नाम हुलसी हैl
8.तुलसीदास
जी का बचपन का नाम
राम बोला है l
9.तुलसीदास
जी के गुरु बाबा नरहरिदास हैl
10. तुलसीदास जी की
पत्नी का नाम रत्नावली हैl
11. तुलसी
दास जी के बारह
रचनाए प्रामाणिक मानी जाती हैl
12.तुलसी
दास जी के कीर्ती का आलोक ग्रंथ रामचरितमानस है l
13.रामचरित
मानस रचनाकाल
1574 ई. हैl
14.रामचरित
मानस रचना पूर्ण
करने के लिए तुलसीदास जी को दो साल 7मास लगे दे l
15.रामचरीत
मानस की भाषा अवधी
है l
16. राम
चरित्र मानस की
रचना सात काँडो में हुई है l
17. स्वांत: सुखाय
काव्य तुलसी दास जी ने किया है l
18. विनय
पत्रिका रचना के
रचयिता तुलसीदास है l
19. विनय
पत्रिका की भाषा ब्रज
भाषा है l
20.कृष्ण भक्ति शाखा के प्रवर्तक कवि सूरदास है l
21.सूरदास
जन्मांध कवि माने
जाते है l
22. सूरदास का जन्म सीही गाव में हुआ l
23.सूरदास
जी के गुरु वल्लभाचार्य
थे l
24. अष्टछाप
मे कवियों की संख्या आठ हैं l
25. सूरदास
की भक्ति माधुर्य
भाव प्रकार की है l
26. पुष्टी
मार्ग के वल्लभाचार्य
प्रवर्तक है l
27. विनय
पत्रिका ग्रंथ का प्रधान रस शांत है l
28. शृंगार
और वात्सल्य रस का सम्राट सूरदास कवि को कहा जाता है l
29. तुलसी
के साहित्य में समन्वय की भावनाप्रधान है l
30. सूरदास
जी की सूर सागर एक मात्र प्रामाणिक रचना है l
31. सूर
सागर का आधारग्रंथ भागवत है l
32. रामचरित
मानस का आधारग्रंथ रामायण है l
33. सूरदास श्रीनाथ जी के मंदिर में कीर्तन करते थे|
34.'सूरसागर' का आधार ग्रंथ भागवत है|
35. तुसलीदास के साहित्य में समन्वय की भावना प्रधान है|
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